PM Jan Aushadhi Kendra 2025: बीमारी के समय घर के पास ही सस्ती और असरदार दवा मिल जाए, बिना लंबी दूरी तय किए या महंगी ब्रांडेड दवाओं पर पैसे उड़ाए। सितंबर 2025 में केंद्र सरकार ने जन औषधि केंद्रों के लिए बड़ा बदलाव किया है। अब महानगरों और 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में केंद्रों के बीच की न्यूनतम दूरी का नियम खत्म हो गया है। इससे हर गली-मोहल्ले में ये केंद्र खुल सकेंगे, और आम लोगों को 50-90% सस्ती जेनेरिक दवाएं आसानी से मिलेंगी। प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) 2014 से चल रही है, और अब ये और मजबूत हो गई। आज के इस आर्टिकल में हम सरल भाषा में नए नियम, फायदे, आवेदन प्रक्रिया और टिप्स बताएंगे। अगर आप मरीज हैं या बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, तो ये पढ़ना जरूरी है!
जन औषधि केंद्र क्या हैं और क्यों महत्वपूर्ण?
PMBJP योजना का मकसद है कि गरीब और मध्यम वर्ग को गुणवत्तापूर्ण दवाएं कम कीमत पर मिलें। ये केंद्र जेनेरिक दवाएं बेचते हैं, जो ब्रांडेड दवाओं जितनी ही असरदार हैं लेकिन 50-90% सस्ती। वर्तमान में देशभर में 17,000 से ज्यादा केंद्र चल रहे हैं, और सरकार 2027 तक 25,000 का लक्ष्य रखा है। अब तक 30,000 करोड़ रुपये की बचत हो चुकी है, क्योंकि रोज 10-12 लाख लोग इनसे दवाएं लेते हैं।
दूरी नियम में क्या बदलाव?
पहले, दो केंद्रों के बीच कम से कम 1 किलोमीटर दूरी रखनी पड़ती थी, ताकि सभी को बराबर मौका मिले। लेकिन घनी आबादी वाले इलाकों में ये नियम बाधा बन रहा था। अब, फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइसेस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) ने महानगरों (जैसे दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई) और 2011 जनगणना के आधार पर 10 लाख+ आबादी वाले 46 शहरों (जैसे पुणे, सूरत, जयपुर, लखनऊ) में ये प्रतिबंध हटा दिया है। इससे एक ही इलाके में कई केंद्र खुल सकेंगे, और दवाओं की उपलब्धता बढ़ेगी। छोटे शहरों (10 लाख से कम आबादी) में 1 किमी नियम अभी लागू रहेगा।
नए नियम के फायदे: आम लोगों और बिजनेसमैन के लिए
ये बदलाव लोगों की पहुंच आसान बनाएगा। महानगरों में जहां ट्रैफिक और दूरी समस्या है, वहां अब हर मोहल्ले में केंद्र मिलेंगे। दवाओं की रेंज भी बढ़ रही है – 2,047 दवाएं और 300+ सर्जिकल प्रोडक्ट्स। WHO-GMP सर्टिफाइड कंपनियों से ही दवाएं आती हैं, इसलिए क्वालिटी गारंटीड।
बिजनेस शुरू करने वालों के लिए
अगर आप मेडिकल स्टोर खोलना चाहते हैं, तो ये सुनहरा मौका है। सरकार ₹2 लाख तक की एकमुश्त मदद और ₹20,000 मासिक प्रोत्साहन देती है। 20% कमीशन पर कमाई ₹2 लाख तक सालाना हो सकती है। लेकिन बड़े निवेशकों से छोटे दुकानदारों को प्रतिस्पर्धा का डर है।
जन औषधि केंद्र कैसे खोलें? स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
केंद्र खोलना आसान है। janaushadhi.gov.in पर ऑनलाइन आवेदन करें। मुख्य स्टेप्स:
- पात्रता चेक: व्यक्तिगत उद्यमी, NGO, ट्रस्ट, फर्म या कंपनी हो सकते हैं। कोई भी भारतीय नागरिक।
- डॉक्यूमेंट्स तैयार: आधार कार्ड, पैन, बैंक डिटेल्स, जगह का प्रूफ (किराए का एग्रीमेंट), GST रजिस्ट्रेशन। दूरी नियम चेक करें (अब बड़े शहरों में आसान)।
- ऑनलाइन अप्लाई: वेबसाइट पर रजिस्टर करें, फॉर्म भरें, डॉक्यूमेंट्स अपलोड करें। PMBI जांच करेगी।
- ट्रेनिंग और अप्रूवल: अप्रूवल मिलने पर 15-दिन ट्रेनिंग लें। स्टॉक के लिए वितरक से संपर्क।
- शुरुआत: 100 वर्ग फुट जगह जरूरी, न्यूनतम स्टॉक ₹1 लाख का।
जरूरी टिप्स
- लोकेशन चुनें जहां मरीज ज्यादा हों, लेकिन नियम फॉलो करें।
- दवाओं की डिमांड चेक करें – एंटीबायोटिक्स, डायबिटीज, हाइपरटेंशन वाली दवाएं पॉपुलर।
- फ्रॉड से बचें: केवल ऑफिशियल साइट यूज करें।
FAQ: जन औषधि केंद्र से जुड़े सवाल
Q1: दूरी नियम कब से खत्म हुआ? A: सितंबर 2025 से, बड़े शहरों के लिए। छोटे शहरों में 1 किमी अभी लागू।
Q2: केंद्र खोलने पर कितनी मदद मिलेगी? A: ₹2 लाख एकमुश्त + ₹20,000 मासिक प्रोत्साहन, 20% कमीशन।
Q3: दवाएं कितनी सस्ती हैं? A: ब्रांडेड से 50-90% सस्ती, लेकिन क्वालिटी समान। 2,000+ प्रकार उपलब्ध।
Q4: आवेदन कहां करें? A: janaushadhi.gov.in पर। अप्रूवल 1-2 महीने में।
निष्कर्ष:
जन औषधि केंद्रों के दूरी नियम खत्म होने से PMBJP योजना और मजबूत हो गई। अब महानगरों में हर कोने पर सस्ती दवाएं मिलेंगी, जो गरीबों के लिए वरदान है। सरकार का 25,000 केंद्रों का लक्ष्य 2027 तक पूरा होगा, और दवाओं की बचत बढ़ेगी। अगर आप केंद्र खोलना चाहते हैं, तो जल्दी अप्लाई करें। याद रखें, अच्छी सेहत के लिए सस्ती दवाएं जरूरी हैं!
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